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Showing posts from September, 2020

मुहावरे और उनका प्रयोग

  भाषा को सशक्त एवं प्रवाहमयी बनाने के लिए लोकोक्तियों एवं मुहावरों का प्रयोग किया जाता है। वार्तालाप के बीच में इनका प्रयोग बहुत सहायक होता है। कभी-कभी तो मात्र   मुहावरे अथवा लोकोक्तियों के कथन से ही बात बहुत अधिक स्पष्ट हो जाती है और वक्ता का उद्देश्य भी सिद्ध हो जाता है। इनके प्रयोग से हास्य , क्रोध , घृणा , प्रेम , ईर्ष्या आदि भावों को सफलतापूर्वक प्रकट किया जा सकता है। लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग करने से भाषा में निम्नलिखित गुणों की वृद्धि होती है। (1) वक्ता का आशय कम-से-कम शब्दों में स्पष्ट हो जाता है। (2) वक्ता अपने हृदयस्थ भावों को कम-से-कम शब्दों में प्रभावपूर्ण ढंग से सफलतापूर्वक अभिव्यक्त कर देता है। (3) भाषा सबल , सशक्त एवं प्रभावोत्पादक बन जाती है। (4) भाषा की व्यंजना-शक्ति का विकास होता है। 1. अँगारे बरसना — अत्यधिक गर्मी पड़ना। जून मास की दोपहरी में अंगारे बरसते प्रतीत होते हैं। 2. अंगारों पर पैर रखना-कठिन कार्य करना। युद्ध के मैदान में हमारे सैनिकों ने अंगारों पर पैर रखकर विजय प्राप्त की। 3. अँगारे सिर पर धरना — विपत्ति मोल लेना। सोच-समझकर काम करना